Cyclone Asani: आंध्र प्रदेश में तूफानी लहरों के बीच बहकर आया रहस्यमयी ‘सोने का रथ’, खुफिया विभाग को दी जानकारी । Cyclone Asani a mysterious gold-coloured chariot drifts afloat to north Andhra shore
Chariot
Highlights
- रथ पर दिनांक 16-01-2022 खुदा हुआ मिला
- यह टीन की चादर से बना है और सुनहरे रंग से पेंट किया गया है
Cyclone Asani: अजीबो गरीब दिखने वाला सुनहरे रंग का एक रथ आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय जिले श्रीकाकुलम में सांताबोम्मली के निकट बंगाल की खाड़ी में बुधवार सुबह बहकर आ गया, जिससे स्थानीय लोग हैरत में पड़ गए। मंदिर की तरह दिखने वाले रथ पर लिखे शब्दों के आधार पर पुलिस को संदेह है कि यह म्यांमार से आया हुआ हो सकता है। रथ पर दिनांक 16-01-2022 खुदा हुआ मिला। स्थानीय लोगों ने इसे किनारे खींच लिया, जिसके बाद पुलिस ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया।
पहियायुक्त मंदिर जैसा दिखता है रथ
किसी को यह अंदाजा नहीं है कि यह रथ इतनी दूर कैसे आ पहुंचा। चक्रवाती तूफान असानी (Cyclone Asani) के कारण वर्तमान में समुद्र की स्थिति ठीक नहीं है और संभवत: इसी कारण रथ बहकर यहां आ पहुंचा। नौपाडा के पुलिस उप-निरीक्षक (SI) ने बताया कि रथ और इसकी संरचना पर लिखावट से पता चलता है कि यह मूल रूप से म्यांमार से आया हुआ हो सकता है। एसआई ने कहा, ‘‘यह टीन की चादर से बना है और इसे सुनहरे रंग से पेंट किया गया है। यह पहियायुक्त मंदिर जैसा दिखता है।’’ उन्होंने बताया कि रथ पर कोई नहीं था।
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ओडिशा, बंगाल में भारी बारिश की संभावना
वहीं, चक्रवात ‘असानी’ के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि भीषण चक्रवात ‘असानी’ बुधवार को एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हुए उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ गया और इस दौरान क्षेत्र में 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। विभाग के अनुसार, चक्रवात के बृहस्पतिवार तक और कमजोर पड़ने और एक निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने राष्ट्रीय बुलेटिन में बताया, ‘‘ इसके अगले कुछ घंटों में उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। बुधवार को दोपहर से शाम के बीच इसके एक बार फिर जोर पकड़ने और नरसापुर, यानम, काकीनाड़ा, तुनी और विशाखापत्तनम तटों के साथ उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ने और रात में उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में समा जाने की संभावना है।’’