Shivratri 2025 date and time : व्रत के नियम, पूजा का समय, शुभ मुहूर्त

Shivratri 2025 Date and Time के बारे में सही जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि आप व्रत के समय और पूजा विधि को सही तरीके से कर सकें। इस साल Shivratri 2025 Date and Time के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान शिव की पूजा और भक्ति का सबसे पवित्र अवसर होता है, जब लाखों भक्त दिन-रात भगवान शिव की आराधना में लीन होते हैं।

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Shivratri 2025 Date and Time के दौरान विशेष रूप से रात्रि के समय पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे भगवान शिव के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस दिन रात्रि जागरण और व्रत रखने से विशेष लाभ मिलता है। पूरे दिन उपवासी रहकर, श्रद्धालु रात्रि को चार प्रहरों में पूजा करते हैं, जो कि इस पर्व की विशेषता है। Shivratri 2025 Date and Time के अनुसार, रात्रि के इन चार प्रहरों में से प्रत्येक का महत्व होता है, और इन प्रहरों में पूजा करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

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इन प्रहरों में विशेष रूप से भगवान शिव के मंत्रों का जाप, जलाभिषेक, और बेलपत्र चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव का ध्यान करने से हर तरह की समस्याएं समाप्त होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। इस प्रकार, Shivratri 2025 Date and Time पर व्रत और पूजा के नियमों का पालन करना जीवन में सुख-शांति और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है। इसके साथ ही, इस दिन का सही समय और मुहूर्त जानकर पूजा करने से भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।

Shivratri 2025 Date and Time: पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त

Shivratri 2025 पूजा का सही समय

महाशिवरात्रि की पूजा का समय हर साल अलग-अलग होता है, लेकिन Shivratri 2025 date and time के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है ताकि आप भगवान शिव की पूजा का सही समय चुन सकें। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से मंगलवार को आ रहा है, जो भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है। इस दिन पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

महाशिवरात्रि के दिन पूजा का प्रमुख समय रात्रि का होता है, और इसे चार प्रहरों में विभाजित किया जाता है। चारों प्रहरों में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस वर्ष के महाशिवरात्रि के पूजा के मुहूर्त के बारे में:

चतुर्थ प्रहर (प्रथम प्रहर):
समय: शाम 6:48 बजे से रात 9:00 बजे तक
इस समय पूजा करना विशेष फलदायक माना जाता है। इस प्रहर में भगवान शिव का ध्यान और पूजन करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है।

दूसरा प्रहर (द्वितीय प्रहर):
समय: रात 9:00 बजे से 12:00 बजे तक
इस समय भगवान शिव के मंत्रों का जाप और जलाभिषेक करना पुण्यकारी होता है।

तीसरा प्रहर (तृतीय प्रहर):
समय: रात 12:00 बजे से 3:00 बजे तक
इस समय शिवरात्रि की रात्रि को आधिकारिक रूप से शिव के रूपों का ध्यान और पूजा की जाती है। यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और पूजा करने से पापों का नाश होता है।

चौथा प्रहर (चतुर्थ प्रहर):
समय: रात 3:00 बजे से 6:00 बजे तक
इस प्रहर में ध्यान और साधना के साथ पूजा करने से आत्मिक शांति और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह प्रहर महाशिवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है।

Shivratri 2025 Date and Time: व्रत के नियम

व्रत के नियम

महाशिवरात्रि के व्रत के कुछ विशेष नियम होते हैं जिन्हें श्रद्धालुओं को पालन करना चाहिए। Shivratri 2025 date and time पर व्रत रखने से पूर्व इन नियमों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। आइए जानते हैं व्रत के नियम:

व्रत का संकल्प:
महाशिवरात्रि के दिन व्रत का संकल्प लेकर उपवासी रहना चाहिए। दिनभर जल, फल और औषधियों का सेवन करना चाहिए।

रात्रि का जागरण:
महाशिवरात्रि की रात को जागरण करना अनिवार्य है। भक्तों को रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

पुजा विधि:
शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बिल्वपत्र, और फल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। शिवजी का पंचामृत स्नान और रुद्राभिषेक करने से पापों का नाश होता है।

भजन कीर्तन और मंत्र जाप:
रात्रि जागरण के दौरान भजन, कीर्तन और मंत्र जाप करना चाहिए। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप विशेष लाभकारी होता है।

Shivratri 2025 Date and Time: पूजा के लाभ

पूजा के लाभ

महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने के अनगिनत लाभ हैं। इन लाभों के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है, ताकि आप जान सकें कि क्यों Shivratri 2025 date and time पर पूजा करना इतना महत्वपूर्ण है।

पापों का नाश:
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। यह दिन आत्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

धन, सुख और समृद्धि:
इस दिन भगवान शिव के आशीर्वाद से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति की समृद्धि में वृद्धि होती है।

स्वास्थ्य और लंबी उम्र:
महाशिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है।

मनोवांछित फल की प्राप्ति:
शिवरात्रि की पूजा से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। चाहे वह घर-परिवार से संबंधित हो या व्यवसाय से, भगवान शिव की कृपा से सभी काम सफल होते हैं।

FAQs for Shivratri 2025 Date and Time

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित होता है। यह पर्व विशेष रूप से शिव भक्तों द्वारा बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का आयोजन फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होता है, और यह रातभर उपवास, जागरण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने का दिन होता है। महाशिवरात्रि को ‘शिवरात्रि’ भी कहा जाता है और इसे आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति का समय माना जाता है।

इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग का पूजन और मंत्रों का जाप किया जाता है ताकि जीवन के सभी कष्टों का निवारण हो सके और भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो। यह दिन आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर होता है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि 2025 की तारीख क्या है?

महाशिवरात्रि 2025 में 25 फरवरी को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से व्रत, पूजा, और रात्रि भर जागरण का होता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा में बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा अर्चना की जाती है। शिव भक्त इस दिन पूरी रात जागकर भजन-कीर्तन, शिव मंत्रों का जाप, और विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं। महाशिवरात्रि का आयोजन शिव भक्तों के लिए एक अत्यधिक महत्वपूर्ण अवसर होता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय माना जाता है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

महाशिवरात्रि 2025 के लिए पूजा के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

दोपहर पूजा:
11:06 AM से 12:24 PM तक

रात्रि पूजा:
11:41 PM से 12:31 AM (26 फरवरी 2025 तक)

अभिषेक का समय:
03:41 AM से 06:48 AM (26 फरवरी 2025 तक)

इन मुहूर्तों में पूजा और अभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इन शुभ समयों में शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद, बेल पत्र आदि अर्पित करके विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। इन मुहूर्तों में किए गए पूजन से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के कष्टों का निवारण होता है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि पर उपवासी क्यों रहना चाहिए?

महाशिवरात्रि का व्रत आध्यात्मिक उन्नति, शुद्धि और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन उपवासी रहकर व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक स्तर पर शुद्धता प्राप्त करता है। उपवासी रहकर हम भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति को प्रगाढ़ करते हैं और आत्मिक शांति की प्राप्ति करते हैं। उपवास के दौरान, हम अपने मन को संयमित रखते हैं और तामसिक भोजन से बचते हुए केवल सत्विक आहार का सेवन करते हैं, जो हमारी आत्मा को शुद्ध करता है। यह दिन मानसिक शांति, संतुलन और आत्मिक उन्नति का सर्वोत्तम अवसर है। उपवास करने से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और मोक्ष के मार्ग में एक कदम और बढ़ते हैं।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि का व्रत कैसे रखा जाता है?

महाशिवरात्रि का व्रत रखने के लिए सबसे पहले दिनभर उपवासी रहना आवश्यक होता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की पूजा और उनका ध्यान करना है। व्रति इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, घी, शहद, और बेल पत्र अर्पित करते हैं। व्रत रखने वाले भक्त रात्रि को जागरण करते हुए शिव के मंत्रों का जाप करते हैं और उनके भजन-कीर्तन करते हैं। विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है। इस दिन ध्यान और साधना से मानसिक और शारीरिक शुद्धि प्राप्त होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। व्रत को शुद्धता, संयम, और श्रद्धा के साथ रखना चाहिए ताकि इस दिन की पूजा से हमें आध्यात्मिक लाभ मिल सके।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का पूजन कैसे किया जाता है?

महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग को एक पवित्र स्थान पर स्थापित करें और उसकी शुद्धता बनाए रखें। इसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, घी, शहद और जल से अभिषेक करें। फिर बेल पत्र, धतूरा, दुर्वा, और फूल अर्पित करें, क्योंकि ये सभी भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय माने जाते हैं। इसके बाद, भक्त “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हैं। रात्रि को जागरण करते हुए शिव के भजन और कीर्तन करना शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और आत्मा की शुद्धि होती है। यह पूजा एक आदर्श तरीका है भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने का और जीवन को शुद्ध करने का।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि पर विशेष रूप से क्या ध्यान रखें?

महाशिवरात्रि के दिन कुछ विशेष बातें हैं जिनका पालन करना आवश्यक होता है:

पवित्रता बनाए रखें:
इस दिन स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें और पूजा में विशेष ध्यान रखें।

साधना और ध्यान:
यह समय आत्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्राप्त करने का होता है। ध्यान और साधना से जीवन की नकारात्मकता दूर होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

भैरव पूजा:
भैरव पूजा का विशेष महत्व होता है। इस पूजा से जीवन के कष्टों का निवारण होता है और भैरव की कृपा से नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि के दिन उपवास से क्या लाभ होता है?

महाशिवरात्रि के दिन उपवासी रहना शरीर और मन दोनों की शुद्धि के लिए बहुत लाभकारी होता है। उपवासी रहकर हम अपने आहार को नियंत्रित करते हैं और मानसिक रूप से भगवान शिव की भक्ति में समाहित होते हैं। यह दिन आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर है। उपवासी रहकर हम तामसिक आहार से बचते हैं और केवल सत्विक आहार जैसे फल, दूध, और जल का सेवन करते हैं, जो शरीर को शुद्ध रखते हैं और मानसिक शांति का अनुभव कराते हैं। उपवास से हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

Shivratri 2025 Date and Time :  महाशिवरात्रि के दिन किस प्रकार के खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?

महाशिवरात्रि के दिन उपवासी रहते हुए भक्तों को तामसिक भोजन से बचना चाहिए। मांसाहारी भोजन, शराब, और अन्य अपवित्र आहारों से बचकर केवल शुद्ध और सत्विक आहार जैसे फल, दूध, पानी, और प्रसाद का सेवन करना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों का सेवन मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखता है और भगवान शिव के प्रति भक्त की भक्ति को और प्रगाढ़ करता है। तामसिक भोजन से बचने से आत्मा की शुद्धि होती है और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

Shivratri 2025 Date and Time :  महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से कौन-कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए?

महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके अतिरिक्त, “शिव ताण्डव स्तोत्र”, “शिव महिम्न स्तोत्र”, और “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” जैसे मंत्रों का जाप भी शुभ माना जाता है। इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति होती है। मंत्रों का जाप न केवल भगवान शिव के प्रति भक्ति को प्रगाढ़ करता है, बल्कि इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति के कष्टों का निवारण होता है।

Shivratri 2025 Date and Time :  महाशिवरात्रि 2025 के दिन क्या कार्य करने चाहिए और क्या नहीं करने चाहिए?

महाशिवरात्रि 2025 के दिन कई कार्यों का पालन करना चाहिए ताकि हम भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकें:

क्या करें:

ध्यान और साधना:
इस दिन ध्यान और साधना करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इससे आत्मिक शुद्धि होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

उपवास करें:
उपवास के दौरान केवल शुद्ध और सत्विक आहार का सेवन करें जैसे फल, दूध और जल।

पवित्रता बनाए रखें:
स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें और घर में पवित्र वातावरण बनाए रखें।

तामसिक आहार से बचें:
इस दिन मांसाहारी भोजन, शराब, और तामसिक खाद्य पदार्थों से बचें।

झगड़े और वाद-विवाद से बचें:
महाशिवरात्रि के दिन हमें किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए।

Shivratri 2025 Date and Time :  महाशिवरात्रि 2025 पर विशेष रूप से कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

महाशिवरात्रि 2025 के दिन कुछ विशेष उपायों का पालन करने से जीवन में सुख और समृद्धि आ सकती है:

शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाना:
बेल पत्र भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय होते हैं। इन्हें शिवलिंग पर अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।

दूध और गंगाजल का अभिषेक:
शिवलिंग पर दूध और गंगाजल का अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।

शिव मंत्र का जाप:
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप हर भक्त को करना चाहिए। इसके अलावा, “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” और “शिव ताण्डव स्तोत्र” भी बहुत प्रभावी होते हैं।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि 2025 के दिन क्या ध्यान रखें?

महाशिवरात्रि 2025 के दिन ध्यान और साधना के साथ कुछ विशेष बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

सत्य और अहिंसा का पालन करें:
इस दिन सत्य बोलने और अहिंसा को अपनाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है।

पवित्रता बनाए रखें:
महाशिवरात्रि के दिन स्नान करके पवित्र वस्त्र पहनें और शिव पूजा में ध्यान और श्रद्धा से लग जाएं।

समय पर पूजा करें:
पूजा के निर्धारित मुहूर्त में ही पूजा और अभिषेक करें ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

Shivratri 2025 Date and Time :  महाशिवरात्रि पर क्या विशेष पूजा विधि अपनाई जाती है?

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करने की विशेष विधि है, जिसमें यह कदम उठाए जाते हैं:

शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें:
सबसे पहले, गंगाजल से शिवलिंग को शुद्ध करें।

दूध, घी और शहद अर्पित करें:
फिर, इन तीनों पदार्थों से अभिषेक करें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

बेल पत्र अर्पित करें:
बेल पत्र भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय होते हैं। इन्हें अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

मंत्र जाप करें:
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र से मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति होती है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि पर पूजा करने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?

महाशिवरात्रि पर पूजा करने से बहुत से लाभ होते हैं:

शारीरिक और मानसिक शुद्धि:
शिव की पूजा से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है, जो जीवन को संतुलित बनाता है।

कष्टों का निवारण:
भगवान शिव की कृपा से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।

आध्यात्मिक उन्नति:
महाशिवरात्रि के दिन की गई पूजा से आध्यात्मिक उन्नति होती है और व्यक्ति मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होता है।

नए कार्यों में सफलता:
शिव पूजा से नए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और हर कार्य में मनोबल बढ़ता है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि 2025 में रात्रि जागरण का महत्व क्या है?

महाशिवरात्रि 2025 के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। इस दिन जागरण करने से भक्त अपने मन को भगवान शिव के ध्यान में लगाए रखते हैं, जिससे आत्मिक शांति मिलती है। रात्रि जागरण के दौरान भजन, कीर्तन, और शिव मंत्रों का जाप किया जाता है, जिससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

Shivratri 2025 Date and Time : महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर अभिषेक कैसे करें?

शिवलिंग पर अभिषेक करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:

गंगाजल से शुद्धीकरण:
सबसे पहले, शिवलिंग को गंगाजल से शुद्ध करें।

दूध, घी, और शहद से अभिषेक:
इसके बाद, दूध, घी और शहद से अभिषेक करें।

जल अर्पित करें:
जल अर्पित करने के बाद, बेल पत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं।

मंत्र जाप:
अभिषेक के बाद “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे” का जाप करें।

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