श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद केस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई कल । Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Case allahabad high court hearing
Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Case
Highlights
- हाईकोर्ट में मथुरा का मंदिर-मस्जिद विवाद
- इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा ईदगाह मस्जिद का फैसला!
Shri Krishna Janmabhoomi-Shahi Idgah Case: मथुरा का मंदिर-मस्जिद का विवाद इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट कल ईदगाह मस्जिद को लेकर हो रहे विवाद की सुनवाई करेगा। हिंदू पक्ष का आरोप है कि ईदगाह मस्जिद कृष्ण मंदिर को तोड़कर बनाया गया है, इस विवाद का जल्द से जल्द निपटारा हो। ईदगाह मस्जिद का मामला मथुरा की स्थानीय कोर्ट में चल रहा है। हिंदू पक्षकारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस केस की रोजाना सुनवाई और जल्द से जल्द निपटारा करने का आदेश देने की मांग की है। हिंदू पक्षकारों ने हाईकोर्ट से मांग की है कि अगर दूसरा पक्ष सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं रहता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो, एकतरफा आदेश पारित हो, मुकदमे का ट्रायल हाईकोर्ट अपनी निगरानी में कराए और विवादित जगह का जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट में कल दोपहर 12 बजे हिंदू पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई होगी।
‘विशाल मंदिर को ध्वस्त कराकर उसके मलबे से ही कराया शाही ईदगाह का निर्माण’
गौरतलब है कि उन्होंने अदालत में पेश किए गए दावे में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में स्थित शाही ईदगाह को अवैध बताते हुए उसे वहां से हटाकर उक्त भूमि उसके वास्तविक मालिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को सौंप देने की मांग की है।श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह प्रकरण में वादी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मुगल शासक औरंगजे़ब ने अपने कार्यकाल में उस स्थान पर स्थापित विशाल मंदिर को ध्वस्त कराकर उसके मलबे से ही शाही ईदगाह का निर्माण कराया था, जिसके प्रमाण आज भी वहां मौजूद हैं और उन्हें मिटाकर इतिहास से खिलवाड़ कर प्रमाणों को नष्ट-भ्रष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।
विवाद का पूरा इतिहास
देश के इस बड़े धार्मिक स्थल का विवाद कोर्ट में है। विवाद सिर्फ एक है कि मंदिर की मूल जगह पर अब मस्जिद है। मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना दी गई। औरंगजेब, मुगल कालीन वो क्रूर शासक जो हिंदू धर्म से नफरत करता था। वर्ष 1669 में औरंगजेब को हिंदुस्तान का शासक बने 12 साल हो चुके थे। 9 अप्रैल 1669 को औरंगजेब एक फरमान जारी किया जिसमें लिखा था कि मूर्ति पूजा करने वालों के सारे मंदिर और स्कूल ध्वस्त कर दिए जाएं और उनके धार्मिक शिक्षाओं और क्रियाकलापों को बंद किया जाए। औरंगजेब ने जिस वक्त ये फरमान जारी किया था, उस वक्त मथुरा में बुंदेल राजा बीर सिंह देव का राज था, जिन्होंने भव्य श्रीकृष्ण मंदिर बनवाया था। पूरे मंदिर परिसर को कटरा केशवदेव मंदिर के नाम से जाना जाता था।
औरंगजेब के आदेश के बाद जनवरी 1670 में मुगलों की सेना ने मथुरा के भव्य श्रीकृष्ण मंदिर को ध्वस्त दिया। मंदिर को गिराने के बाद मुगल शासक के आदेश पर वहां एक मस्जिद बना दी गई। वर्ष 1789 को दो अंग्रेजों ने एक पेटिंग बनाई थी। इसी पेटिंग में एक टूटी हुई इमारत के हिस्से का चित्र है जो कि श्रीकृष्ण मंदिर का हिस्सा है और उसके ठीक पीछे मस्जिद है, जो मंदिर गिराकर बनाई गई थी।